राजस्थान लोकसभा चुनाव 2024: जयपुर ग्रामीण सीट पर राव राजेंद्र सिंह का दावा और जातीय समीकरण का प्रभाव




राजस्थान लोकसभा चुनाव 2024: जयपुर ग्रामीण सीट पर राव राजेंद्र सिंह का दावा और जातीय समीकरण का प्रभाव

राजस्थान लोकसभा चुनाव 2024: जयपुर ग्रामीण सीट पर राव राजेंद्र सिंह का दावा और जातीय समीकरण का प्रभाव

राजस्थान लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं। आज नामांकन की अंतिम तारीख है तो वही 19 अप्रैल को राजस्थान में पहले चरण के चुनाव होने हैं।
वही लोकसभा चुनाव में कई जिलों की हॉट सीट पर केंद्र सरकार की नजर बनी हुई।  ऐसी ही एक हॉटसीट का जिक्र हम आज करने जा रहे है। जहां राजनीति के कई दाव पेच चले जा  रहे है। तो दूसरी तरफ जातीय समीकरण के आधार पर चुनाव की तैयारी की जा रही है। जी हा हम बात कर रहे है। जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट की जहां एक तरफ बीजेपी ने राव राजेंद्र सिंह को मैदान में उत्तारा है तो वही दूसरी और कांग्रेस से युवा नेता अनिल चोपड़ा को टिकिट देकर लोकसभा के लिए अपना मजबूत दावेदार माना है।




वही आपको लोकसभा चुनाव की ताजा अपडेट से वाकिफ करा दे की आज राव राजेंदर सिंह ने अपना नामांकन दाखिल कर लोकसभा चुनाव की ताल ठोक दी है।
आज उन्होंने नामांकन दाखिल करते समय मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पहले एक बार चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि कम अंतर से उनकी हार हुई, लेकिन एक बार फिर से पार्टी ने उन्हें मौका दिया है तो ऐसे में पूरी कोशिश रहेगी कि केंद्रीय योजनाओं के दम पर आम जनता के बीच जाएंगे और वोट की अपील करेंगे।  जिस तरह पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में आम जनता के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं लाई गई है।  आज पूरे विश्व भर में भारत की एक अलग पहचान बन गई है तो ऐसे में जयपुर ग्रामीण की जनता को भी देश के विकास के लिए वोट करना चाहिए। इस स्टेटमेंट के राजनिती गलियारों में काफी चर्चा बनी हुई है। लोगों को और राजनीतिकी सालाकारो का मानना है की राव सहाब ये चुनाव मोदी के नाम पर लड़ने जा रहे है। सवाल यहाँ बड़ा खड़ा होता है की आखिर क्या केंद्र सरकार की योजनाओं  के दम पर जयपुर ग्रामीण की सीट राव सहाब निकाल पाएंगे।
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एक नजर राव राजेंदर सिंह के राजनीति  करियर पर:-

बीजेपी ने राव राजेंद्र सिंह का टिकट काटा

बीजेपी ने विधान सभा चुनाव के दौरान जारी अपनी पांच सूचियों में 197 कंडीडेट की घोषणा की थी। इनमें वसुंधरा राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अरुण चतुर्वेंदी,  युनूस खान, रामप्रताप, कृष्णेंद्र कौर दीपा, राजपाल सिंह शेखावत, बाबूलाल का टिकट काट दिया था। जबकि वसुंधरा गुट के विधानसभा उपाध्यक्ष रहे राव राजेंद्र सिह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी का भी टिकट काटकर पत्ता साफ कर दिया ।




जयपुर ग्रामीण : राव  राजेन्द्र  पहले चुनाव हार चुके, फिर भी संगठन ने उन्हें चुना

वर्ष 2009 में राव राजेन्द्र सिंह को भाजपा ने जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार लालचंद कटारिया से चुनाव हार गए थे।
वे 2003, 2008 व 2013 में लगातार विधायक रहे, लेकिन 2018 में शाहपुरा (जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट में शामिल विधानसभा सीट) से चुनाव हार गए।
वर्ष 2023 में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया, लेकिन अब लोकसभा सीट से उम्मीवार बनाया है।

राव की टिकिट पैरवी में CM का हाथ :-

विधानसभा चुनाव से पहले और सरकार बनने के बाद से अब तक राव राजेन्द्र सिंह को पार्टी ने रणनीति बनाने, वित्तीय मुद्दों पर उनसे सलाह लेने के लिए उपयोगी मान रखा था।
उनकी पहचान विचारधारा के समर्थक, अंग्रेजी भाषा पर पकड़ और अर्थ-वित्त के मुद्दों पर गहरी समझ वाले नेता के रूप में हैं।
संगठन ने तय किया हुआ था कि जयपुर ग्रामीण सीट से अब तक राजपूत उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाता रहा है, तो इस बार भी यही उचित रहेगा। ऐसे में राव राजेन्द्र का चुनाव किया गया।
सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष सी. पी. जोशी ने उनके पक्ष में पैरवी की। साफ छवि होने से राव राजेन्द्र का विरोध सीईसी के स्तर पर किसी ने किया भी नहीं और अंतत: उन्हें टिकट मिल गया।

एक नजर जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट के वोटिंग समीकरण पर:-

जयपुर ग्रामीण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिमी भारत में राजस्थान राज्य के 25 लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है।  यह निर्वाचन क्षेत्र संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में 2008 में अस्तित्व में आया था । इस सीट पर यादव समुदाय का वर्चस्व है, यहाँ हम जातीय समीकरण की बात करे तो राव राजेन्द्र  सिंह को मजबूती मिल सकती है। वही उनके बाद जाट समुदाय की भी महत्वपूर्ण उपस्थिति है। यादव या अहीर समुदाय की कोटपूतली, शाहपुरा, बानसूर, झोटवाड़ा, विराटनगर, आमेर में सबसे अधिक आबादी है और 3 लाख से अधिक आबादी के साथ फुलेरा और जमवा रामगढ़ में महत्वपूर्ण  है। जो जयपुर ग्रामीण लोकसभा चुनाव का पलड़ा राव राजेंदर के पक्ष में पलट  सकते है ।




2019 में इसी सीट से बीजेपी की जीत हुई थी :-

बीजेपी के कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मिले मत – 820132,वोटो से जीत दर्ज की थी।
-यहाँ 66% वोटिंग हुई
-कांग्रेस ने कृष्णा पूनिया को मैदान में उतारा था। राठौर ने पूनिया को 393171 मतों से हराया था।




2019 में इतने थे मतदाता

साल 2019 में जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में कुल 1952542 मतदाता थे जिनमें से पुरुष 1031244 और महिला 921293 वोटर थे। इस बार मतदाता सूची अभी फाइनल नहीं हुई है। इसलिए आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं आए हैं। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में नए वोटर मतदाता सूची में जोड़े जा रहे हैं। इस इलाके में सबसे ज्यादा गुर्जर मतदाता हैं। वहीं, सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और एससी-एसटी वर्ग भी बड़ी संख्या में हैं। मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं।

2009-2014 में कौन जीता था चुनाव

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कर्नल राज्यवर्धन सिंह विजयी हुए थे। उन्होंने कांग्रेस के सीपी जोशी को 332896 वोटों से हराया था। बीजेपी को करीब 59.77 प्रतिशत वोट मिले थे। बीजेपी को कुल 632930 तो कांग्रेस को 300034वोट मिले थे। साल 2014 से पहले 2009 में कांग्रेस के लाल चंद कटारिया चुनाव जीते थे। उन्होंने बीजेपी के राव राजेंद्र सिंह को 52237 वोट से हराया था।




साल 2014-2019 में कब हुए थे चुनाव?

जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 2019 में लोकसभा चुनाव 6 मई को हुए थे। चुनाव आयोग ने सात चरणों में मतदान कराए थे। जबकि 2014 में यहां पर लोकसभा चुनाव 17 अप्रैल को हुआ था।

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