प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना: लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया




प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना: लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना




प्रधान मंत्री रोजगार सृजन योजना, भारत में बेरोजगार युवाओं के लिए एक नई किरन बनकर उभरी है। जहां एक तरफ बढ़ती जनसख्याँ और दूसरी तरफ बेरोजगारी और तीसरा गरीबी, ऐसे में प्रधानमंत्री की इस योजना ने लाखों युवाओ के सपनों को साकार करने के लिए नए आयाम गढ़े है । आइये जानते है इस योजना के लाभ आप कैसे ले सकते है।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है। इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। 50 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। तो वही आप जो बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं उसकी लागत का 5% से 10% आपको देना होगा, 15% से 35% सरकार सब्सिडी के रूप में देती है और बाकी बैंक टर्म लोन के रूप में देता है, जो है इसे पीएमईजीपी ऋण भी कहा जाता है। परियोजना की लागत सेवा इकाई के लिए 20 लाख रुपये और विनिर्माण इकाई के लिए 50 लाख रुपये तक है।

उद्देश्य:–

प्रधान मंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ पंजीकृत नियोक्ताओं को रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करने की एक योजना है, जिसमें सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) और कर्मचारी भविष्य में नियोक्ताओं के पूर्ण योगदान का भुगतान करती है। नए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) वाले नए कर्मचारियों के संबंध में फंड (ईपीएफ)।
इस योजना का दोहरा लाभ है, जहां एक ओर, नियोक्ता को प्रतिष्ठान में श्रमिकों का रोजगार आधार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है, वहीं दूसरी ओर, बड़ी संख्या में श्रमिकों को ऐसे प्रतिष्ठानों में नौकरियां मिलेंगी। इसका सीधा लाभ यह है कि इन श्रमिकों को संगठित क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंच प्राप्त होगी।




योजना में मिलने वाले लाभ:-

-विनिर्माण क्षेत्र में स्वीकार्य परियोजना/ इकाई स्थापनी की अधिकतम लागत सीमा 25 लाख रुपये है। और व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में यह 10 लाख रुपये है।
-पीएमजीईपी (परियोजना लागत के संदर्भ में) के अंतर्गत सब्सिडी की दर
 सामान्य वर्ग के लिए – 15% (शहरी), 25% (ग्रामीण)
– विशेष (एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक/महिला, भूतपूर्व सैनिक, शारीरिक रूप से विकलांग, एनईआर, पहाड़ी और सीमा क्षेत्र आदि) – 25% (शहरी), 35% (ग्रामीण)
-कुल परियोजना लागत की शेष राशि बैंकों द्वारा मियादी ऋण और कार्यशील पूंजी के रूप में प्रदान की जाएगी।

पात्रता/योग्यता:-

-18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्‍यक्ति ।
-विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपये से अधिक लागत की परियोजना और व्‍यवसाय/सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपये से अधिक की परियोजना के लिए।
-पीएमईजीपी के अंतर्गत योजना के तहत सहायता केवल विशिष्‍ट नई स्‍वीकार्य परियोजना के लिए ही उपलब्‍ध है।
-स्‍वयं सेवी समूह (बीपीएल समेत जिन्‍होंने अन्‍य किसी योजना के तहत लाभ न लिया हो) भी पीएमईजीपी के अंतर्गत सहायता के लिए योग्‍य हैं,सोसायटी -रजिस्‍ट्रेशन अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत संस्‍थान, उत्‍पादक कोऑपरेटिव सोसायटी और चैरिटेबल ट्रस्‍ट इसके अंतर्गत पात्रधारी हैं।
-मौजूदा इकाइयाँ (पीएमआरवाई, आरईजीपी  या भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत) और वे इकाइयाँ जो भारत सरकार या राज्य -सरकार की किसी अन्य योजना के तहत पहले ही सरकारी सब्सिडी ले चुकी हैं। इसके अंतर्गत पात्र नहीं हैं।
ग्रामीण क्षेत्र: सामान्य वर्ग के लिये 25% और विशेष श्रेणी के लिये 35%, जिसमें एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक, एनईआर, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्र, ट्रांसजेंडर, शारीरिक रूप से अक्षम, उत्तर पूर्वी क्षेत्र, आकांक्षी व सीमावर्ती ज़िले के लाभार्थी शामिल हैं।

PMEGP लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज:-

-पासपोर्ट साइज़ फोटो के साथ विधिवत भरा हुआ एप्लीकेशन फॉर्म
-प्रोजेक्ट रिपोर्ट
-आवेदक का पहचान और पता प्रमाण
-आवेदक का पैन कार्ड, आधार कार्ड और आठवीं पास का सर्टिफिकेट
-यदि ज़रूरी हो तो स्पेशल कैटेगरी का सर्टिफिकेट
-उद्यमी विकास कार्यक्रम (EDP) प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट
-एससी / एसटी / ओबीसी / अल्पसंख्यक / पूर्व- सैनिक / पीएचसी के लिए सर्टिफिकेट

कैसे आवेदन करें?




-केवीआइसी के राज्य/ मंडल निदेशक केवीआइबी और संबंधित राज्य के उद्योग निदेशक (DIC के लिए) के साथ विमर्श के बाद स्थानीय रूप से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन दिया जाएगा, जिसमें पीएमईजीपी के अंतर्गत इच्छुक लाभार्थियों से परियोजना के प्रस्तावों के साथ-साथ उद्यम की स्थापना / सेवा इकाइयों की शुरुआत के प्रस्तवा आमंत्रित किये जाएंगे।
-लाभार्थी अपना आवेदन इस लिंक https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/pmegphome/index.jsp पर ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
– आवेदन का प्रिंटआउट लेकर और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित कार्यालय में जमा करा सकते हैं।

PMEGP लोन एप्लीकेशन स्टेटस ;-

स्टेप 1:  PMEGP की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं या इस लिंक पर क्लिक करें: kviconline.gov.in/pmegp/
स्टेप 2:  नया पेज खोलने के लिए ‘Login Form for Registered Applicant’ पर क्लिक करें
स्टेप 3:  अपनी आईडी और पासवर्ड दर्ज करें और लॉग-इन पर क्लिक करें
स्टेप 4:  अंत में अपने PMEGP लोन एप्लीकेशन स्टेटस ट्रैक करने के लिए, आपको ‘View Status’ पर क्लिक करना होगा।

चर्चा में क्यों?

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) को वित्त वर्ष 2026 तक पांँच साल के लिये विस्तार की मंज़ूरी दे दी है।
PMEGP को अब 13,554.42 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल के लिये 15वें वित्त आयोग अवधि तक जारी रखने की मंज़ूरी दी गई है।

महत्त्व:

-यह योजना पाँच वित्तीय वर्षों में लगभग 40 लाख व्यक्तियों के लिये स्थायी रोज़गार के अवसर पैदा करेगी।
-यह गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना में सहायता करके देश भर में बेरोज़गार युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर पैदा करने की सुविधा प्रदान करती है।
-2008-09 में इसकी स्थापना के बाद से लगभग 7.8 लाख सूक्ष्म उद्यमों को 19,995 करोड़ रुपए की सब्सिडी के साथ अनुमानित 64 लाख व्यक्तियों के लिये स्थायी रोज़गार पैदा करने में सहायता मिली है। सहायता प्राप्त इकाइयों में से लगभग 80% ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और लगभग 50% इकाइयाँ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला श्रेणियों के स्वामित्व में हैं।

चुनौतियांँ:




-आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2018-19 के बीच इस कार्यक्रम के तहत 10,169 रुपए आवंटित किये गए थे जिनमें से 1,537 करोड़ रुपए NPA में बदल गए।
-कौशल में कमी, बाज़ार अध्ययन की कमी, कम मांग और कड़ी प्रतिस्पर्द्धा को इतनी बड़ी संख्या में एनपीए का प्रमुख कारण माना जाता है।
-जब आमतौर पर सभी केंद्रीय योजनाओं को निश्चित वार्षिक लक्ष्य दिये जाते हैं तो यह योजना ऐसे किसी लक्ष्य से प्रेरित नहीं है।
-चूँकि राज्य और बैंक दोनों ऋणों के वितरण के वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य के बिना कार्य करते हैं, जिससे कार्यक्रम अपनी गति खो सकता है।

पीएमईजीपी योजना के तहत संभावित प्रोजेक्ट:-

-एग्रो बेस्ड फूड प्रोसेसिंग
-सीमेंट और संबद्ध उत्पाद
-केमिकल/ पॉलिमर&मिनरल्स
-कोल्ड स्टोरेज एंड कोल्ड चेन सॉल्यूशन
-डेयरी और दूध उत्पाद
-इलेक्ट्रॉनिक और विद्युत उपकरण
-फूड प्रोसोसिंग इंडस्ट्री
-फॉरेस्ट इंडस्ट्री
-हॉर्टीकल्चर- ऑर्गेनिक फार्मिंग
-कागज और संबंधित उत्पाद
-प्लास्टिक और संबंधित सेवाएं
-सर्विस सेक्टर इंडस्ट्री
-स्मॉल बिज़नेस मॉडल
-कपड़ा और परिधान
-कचरा प्रबंधन

संबंधित प्रश्न:-

प्रश्न.1 पीएमईजीपी के तहत प्रदान की जाने वाली अधिकतम प्रोजेक्ट कॉस्ट कितनी है?
उत्तर: इस योजना के तहत किसी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के प्रोजेक्ट के लिए 50 लाख और सर्विस यूनिट के प्रोजेक्ट के लिए 20 लाख रु. तक का लोन प्रदान किया जाता है।
प्रश्न2. क्या पीएमईजीपी के तहत लोन लेने के लिए कोलैटरल/ सिक्योरिटी जमा कराने की ज़रूरत पड़ती है?
उत्तर: नहीं, पीएमईजीपी योजना के तहत 10 लाख रुपये तक की लागत वाले प्रोजेक्ट के लिए कौलैटरल या सिक्योरिटी प्रदान करने की ज़रूरत नहीं है। पीएमईजीपी योजना के तहत CGTMSE, 5 लाख रु. से 50 लाख रु. तक के प्रोजेक्ट के लिए कोलैटरल गारंटी प्रदान करता है।
प्रश्न.3 PMEGP के अंतर्गत कौन से बिज़नेस आते हैं?
उत्तर: PMEGP के अंतर्गत आने वाले बिज़नेस की प्रोजेक्ट लिस्ट को चेक करने के लिए, आप नीचे दी गई लिंक पर जा सकते हैं
 https://www.kviconline.gov.in/pmegp/pmegpweb/docs/jsp/newprojectReports.jsp
प्रश्न.4 पीएमईजीपी सब्सिडी क्या है?
उत्तर: प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) सब्सिडी भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी है जिसमें लाभार्थी को कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट पर 15% -35% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह सब्सिडी देश भर में व्यक्तियों और एमएसएमई द्वारा प्रमुख रूप से प्राप्त की जा सकती है।
Also Read:-

Leave a Comment

Index
Floating Icons