सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 2024: समय, धार्मिक महत्व, प्रकार, सूतक काल , लाइव स्ट्रीमिंग, ग्रहणकाल में क्या करें और क्या नहीं करें, और उपाय – एक पूर्ण गाइड | जानिए सूर्य ग्रहण के बारे में पूरी जानकारी
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) एक ऐसी अद्भुत घटना है जो हमें आकर्षित करती है और ब्रह्मांड की विशालता और उसकी अद्वितीयता का अनुभव कराती है। यह खगोलीय घटना हमारे ब्रह्मांडिक आकारिक नियमों की अद्भुतता को प्रकट करती है और हमें यह याद दिलाती है कि हम कितने छोटे हैं और हमारी धरती कितनी नाजुक है। इस अद्वितीय प्रकृति का साक्षात्कार करना एक अद्वितीय अनुभव होता है जो हमें ब्रह्मांड के विचार की गहराई में ले जाता है।
सूर्य ग्रहण 2024 की खास बात यह है कि यह चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के दौरान पड़ रहा है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस अद्भुत खगोलीय घटना का महत्व और उसका प्रभाव हमें जानने की आवश्यकता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि सूर्य ग्रहण क्या है, इसके प्रकार, उपाय, और इसके दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। यहां हम इस अद्वितीय घटना के विविध पहलुओं को समझेंगे और इसके विशेष महत्व को समझने का प्रयास करेंगे। सूर्य ग्रहण 2024 का समय चैत्र नवरात्रि के दौरान, 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर लग रहा है, जो 9 अप्रैल सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
सूर्य ग्रहण का समय:
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) का समय 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो रहा है, और यह ग्रहण 9 अप्रैल के सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) के दौरान हो रहा है, जो 9 अप्रैल से ही आरंभ हो रहा है, जबकि सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत में महसूस नहीं होगा। इसलिए, यह ग्रहण केवल उत्तरी अमेरिका जैसे क्षेत्रों में ही देखा जा सकेगा। इस ग्रहण के पड़ने के बाद, भारत में नवरात्रि (Navratri 2024) की पूजा पर इसका कोई असर नहीं होगा, क्योंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
धार्मिक महत्व:
सूर्य ग्रहण के समय पर धर्मग्रंथों में विभिन्न रीति-रिवाज अनुसार लोग विशेष पूजा-पाठ करते हैं ताकि इसके असर को शांति और सुख के रूप में अनुभवा सकें। धर्मग्रंथों के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय पर अच्छे कर्मों का करना, प्रार्थना, ध्यान, योग, दान, सेवा आदि करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
सूर्य ग्रहण का अन्य महत्व:
वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का महत्व बहुत है क्योंकि इससे वैज्ञानिक अनुसंधान करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, यह धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह धार्मिक विश्वासों का भी एक हिस्सा है।
सूर्य ग्रहण का प्रकार और विशेषताएं
सूर्य ग्रहण कई प्रकार के होते हैं, जिनमें प्रमुख शामिल हैं – पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण, और हाइब्रिड सूर्य ग्रहण। पूर्ण सूर्य ग्रहण में सूर्य का पूरी तरह से ग्रहण हो जाता है, जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण में सूर्य का केवल एक हिस्सा ही ग्रहण होता है। वलयाकार सूर्य ग्रहण में सूर्य का ग्रहण होता है, लेकिन उसका केंद्र बाहर की ओर होता है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में, यह केवल कुछ द्वारा पूर्ण होता है और बाकी के कुछ द्वारा आंशिक होता है।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या नहीं करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय कुछ कार्य नहीं किए जाते हैं। इस समय आपको देवी-देवताओं की मूर्ति स्पर्श नहीं करना चाहिए और न ही पूजा-पाठ करना चाहिए। इसके अलावा, सूतक काल के दौरान भोजन और पूजा का निषेध होता है। लोगों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सूतक काल के दौरान सुनसान जगहों या श्मशान के आसपास न जाएं।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव और संदर्भ
सूर्य ग्रहण का प्रभाव भिन्न-भिन्न देशों में अलग-अलग होता है। इस बार, यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका और कुछ अन्य क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। जिन लोगों को इस घटना को देखने का अवसर मिलेगा, उन्हें आंखों और त्वचा की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
चैत्र नवरात्रि पर सूर्य ग्रहण का साया! (Chaitra Navratri 2024 and Surya Grahan 2024)
चैत्र नवरात्रि 2024 के दौरान सूर्य ग्रहण का साया पड़ रहा है। 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट पर ग्रहण होगा, जो 9 अप्रैल सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। चैत्र नवरात्रि का पर्व पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल से ही शुरू हो रहा है। यह ग्रहण सिर्फ उत्तरी अमेरिका जैसे क्षेत्रों में दिखाई देगा। इस खगोलीय घटना के दौरान, डॉक्टरों ने लोगों को आंखों और त्वचा की सुरक्षा के लिए सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
ग्रहणकाल में क्या नहीं करें
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि कोई नकारात्मक प्रभाव न हो:
1. सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिर में पूजा या अनुष्ठान न करें।
2. सूर्य ग्रहण के दौरान खाना पकाने से बचें। यह सलाह दी जाती है कि सूर्य ग्रहण की शुरुआत से पहले भोजन को तुलसी की पत्तियों से सुरक्षित रखें।
3. सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन का सेवन न करें। साथ ही, भावनात्मक शांति बनाए रखने का प्रयास करें।
4. सूर्य ग्रहण के दौरान सुनसान जगह या शमशान स्थानों या कब्रिस्तानों का दौरा न करें, क्योंकि इस समय नकारात्मक ऊर्जाएँ प्रधान मानी जाती हैं।
5. सूर्य ग्रहण के बाद तुरंत नए शुभ या धार्मिक कार्यों की शुरुआत न करें, क्योंकि नकारात्मक ऊर्जा लगभग 15 दिनों तक बनी रह सकती है।
6. सूर्य ग्रहण के सूतक अवधि के बाद तुलसी के पौधे को छूने से बचें। साथ ही, इस समय में तेज या तीक्ष्ण वस्तुओं का उपयोग भी न करें।
7. सूर्य ग्रहण के दौरान नशीली पदार्थों का सेवन न करें।
8. व्यापार या वित्तीय लेन-देन के लिए नए कार्यों की शुरुआत न करें।
9. ध्यान, जप, और ध्यान जैसी धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा दें।
10. सूर्य ग्रहण के दौरान अन्य लोगों के साथ द्वारा की जाने वाली गतिविधियों में भाग न लें।
11. ग्रहण का सूतक लगते ही देवी-देवताओं की मूर्ति स्पर्श न करें और न ही पूजा-पाठ करें ।
12. सूतक लगने से पहले भोजन पका लें और फिर भोजन,पानी और दूध-दही जैसी चीजों में तुलसी का पत्ता डाल दें ।
किन देशों में दिखाई देगा पूर्ण सूर्य ग्रहण
कनाडा
उत्तरी अमेरिका
मध्य अमेरिका
दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग
पश्चिमी यूरोप पेसिफिक
मैक्सिको
अंटलांटिक
कोस्टा रिका
क्यूबा
आयरलैंड
डोमिनिका
फ्रेंच पोलिनेशियाऑ
जमैका
सूर्य ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं (Types of Solar Eclipse)
- पूर्ण सूर्य ग्रहण
- आंशिक सूर्य ग्रहण
- वलयाकार सूर्य ग्रहण
- हाइब्रिड सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण के कितने घंटे पहले लगता है सूतक (Solar Eclipse 2024 Sutak Time)
सूर्य ग्रहण जब होता है, तो उसके 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। लेकिन यह नियम केवल उस समय के लिए लागू होता है जब ग्रहण देखा जा सकता है। अगर ग्रहण दिखाई नहीं देता है, तो सूतक का काल मान्य नहीं होता। 08 अप्रैल को भारत में होने वाला सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए उसका सूतक काल भी लागू नहीं होगा। ग्रहण के समय लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें इस अवधि में धार्मिक क्रियाएं नहीं करनी चाहिए और विशेष रूप से आंखों और त्वचा की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।
भारत में कैसे देखें सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024 Live)
किन राशियों पर नहीं पड़ेगी सूर्य ग्रहण की काली छाया (Surya Grahan 2024 Zodiac Effect)
सूर्य ग्रहण 2024 गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी (Solar Eclipse 2024 Pregnant Women Precautions)
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बहुत सावधानी बरतें की जरूरत होती है. इस दिन गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. साथ ही छीलना और काटने जैसा काम नहीं करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण 2024 मंत्र जाप (Solar Eclipse 2024 Mantra Jaap)
ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम: जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम । तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम । ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।
सूर्य ग्रहण 2024 सूतक काल (Solar Eclipse 2024 Sutak Kaal)
सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। यानि रात में 9.12 बजे लगने वाले ग्रहण का सूतक काल सुबह 9.12 बजे से शुरू हो जाएगा। इस समय को सूतक काल के रूप में जाना जाता है, जिसके दौरान वातावरण में नकारात्मकता फैल जाती है। इसके फलस्वरूप इस समय को अशुभ और सूतक काल माना जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान, विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। यह एक खास समय होता है जब धार्मिक तथा पारंपरिक नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ग्रहण के दौरान, भगवान की मूर्तियों को ना छूना चाहिए और मंदिर को सूतक काल से पहले ढक देना चाहिए।
इस दौरान, भोजन करना नहीं चाहिए और नए काम शुरू नहीं करना चाहिए। सूतक काल के बाद, स्नान करना और गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए। यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जब हमें अपने आध्यात्मिक और धार्मिक धाराओं का पालन करना चाहिए।
इस दौरान, ध्यान और संज्ञान में वृद्धि करने के लिए धार्मिक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए, ताकि हमारा अंतरात्मा शांति और स्थिरता प्राप्त कर सके। इस समय को ध्यान में रहते हुए अपने आप को पवित्र और उदार भावनाओं में लिपटाना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के उपाय (Surya Grahan Upay 2024):
सूर्य ग्रहण के समय गुड़, नमक, तांबे के बर्तन का दान करना उत्तम माना जाता है। इस समय हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए, जिससे ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचाव होता है। ग्रहण खत्म होने के बाद पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है।
ग्रहण के दौरान क्या करें (Things To Do During Solar Eclipse):
ग्रहण के दौरान भगवान का नाम लेना चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए। ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करना चाहिए और पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद दान-दक्षिणा करना चाहिए और देवी-देवताओं की प्रतिमा को भी गंगाजल से स्नान कराना चाहिए।
सूर्य ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग (Solar Eclipse Live Streaming 2024):
8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन इसे लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देखा जा सकता है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ऑफिसियल वेबसाइट पर इस ग्रहण को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। 8 अप्रैल रात 10.30 बजे से नासा के यूट्यूब चैनल पर भी इसकी लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो जाएगी।
कैसे देखें सूर्य ग्रहण (How to View a Solar Eclipse 2024):
सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए वरना इससे निकलने वाली हानिकारक किरणें आपकी आंखों को हमेशा के लिए खराब कर सकती हैं। सूर्य ग्रहण देखने के लिए हमेशा खास तरह के ऑप्टिकल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसे आप टेलीस्कोप से देख सकते हैं, जिससे आंखों पर सूरज की किरणों का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
ग्रहण के समय रखें इन बातों का ध्यान (Solar Eclipse Precautions 2024):
सूर्य ग्रहण के दौरान न तो भोजन पकाना चाहिए और न ही इसे खाना चाहिए। माना जाता है कि सूर्य की हानिकारक किरणों से भोजन दूषित हो जाता है जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ग्रहण में भगवान की प्रतिमा को स्पर्श करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, और उन्हें किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दौरान तुलसी, पीपल और बरगद के पेड़ को नहीं छूना चाहिए।
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